मणिपुर में उग्रवादी संगठनों को फंड देने को लेकर कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट जाएंगे

राजनीतिक संवाददाता द्वारा
मणिपुर में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग के एक फैसले के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है। दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शनिवार को बताया कि कांग्रेस पार्टी चुनाव आयोग के एक फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेगी। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण के मतदान से से ठीक पहले भाजपा के नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार ने राज्य के अंदर ‘प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों’ को करोड़ों रुपए का भुगतान किया है, जिसे चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना। कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाए हैं यह गंभीर आरोप कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि राज्य में दूसरे चरण के मतदान से पहले राज्य सरकार की ओर से बैन किए गए उग्रवादी संगठन कुर्की नेशनल संगठन के लिए दो किस्तों में करोड़ों रुपए का फंड जारी किया है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी सरकार की ओर से 1 फरवरी को 15.7 करोड़ रुपए और 1 मार्च को 92.65 लाख रुपए इन आतंकी संगठनों को दिए गए हैं। – कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने उग्रवादी संगठनों को चुनाव से ठीक पहले फंड जारी कर कहीं ना कहीं चुनाव को प्रभावित करने के लिए ऐसा किया है। कांग्रेस का कहना है कि इन उग्रवादी संगठनों को फंड जारी किए जाने के बाद राज्य के मतदाताओं को डराने का काम शुरू हो गया है और मतदाताओं से कहा जा रहा है कि सिर्फ भाजपा को ही वोट दें। – कांग्रेस का कहना है कि इलेक्शन कमीशन ने इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानने से इनकार कर दिया है। जयराम रमेश ने कहा है कि यह बहुत आश्चार्यजनक है कि चुनाव आयोग को यह नजर नहीं आया कि भाजपा ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है। हम EC के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। चुनाव आयोग से मिले सलमान खुर्शीद और जयराम रमेश आपको बता दें कि शुक्रवार को जयराम रमेश और पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने चुनाव आयोग से मुलाकात की थी और मणिपुर में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। आपको बता दें कि मणिपुर विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण का मतदान आज हो रहा है।

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